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रक्षाबंधन पर बहनों को शगुन का तोहफा- madhya pradesh की सरकार का दिल जीतने वाला फैसला
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रक्षाबंधन पर बहनों को शगुन का तोहफा- madhya pradesh की सरकार का दिल जीतने वाला फैसला

>रक्षाबंधन पर बहनों को शगुन का तोहफा- Madhya Pradesh की सरकार का दिल जीतने वाला फैसला

मध्य प्रदेश में रक्षाबंधन का त्यौहार आते ही घर में रौनक छा जाती है। बहनें राखी की थाली सजाती हैं, भाई मिठाई और गिफ्ट ले आते हैं, और हर तरफ प्यार मोहब्बत की बातें होती हैं। लेकिन इस बार Madhya Pradesh की सरकार ने इस त्यौहार को और भी खास बना दिया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लाड़ली बहना योजना की बहनों के लिए एक ऐसा ऐलान किया है, जिसे सुनकर हर बहन का चेहरा खुशी से चमक उठा।

रक्षाबंधन पर बहनों को शगुन का तोहफा- madhya pradesh की सरकार का दिल जीतने वाला फैसला

>₹250 का शगुन -छोटा सा, पर दिल से दिल तक

मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली बहना योजना की हर बहन को जो हर महीने ₹1250 की मदद पाती है उसे इस रक्षाबंधन पर ₹250 का शगुन भी मिलेगा। अब आप कहेंगे ₹250 में क्या होता है? लेकिन यार, बात पैसे की नहीं, दिल की है। ये शगुन सरकार की तरफ से बहनों के लिए एक प्यार भरा तोहफा है, जैसे कोई बड़ा भाई अपनी बहन को राखी के दिन जेब से पैसे निकालकर देता है।

ये बात मुख्यमंत्री ने जबलपुर के बेलखेड़ा गाँव में एक सभा में कही। मैं तो वहाँ था नहीं, पर मेरे चाचा के दोस्त, जो वहाँ गए थे, उन्होंने बताया कि सभा में जैसे ही ये ऐलान हुआ, औरतों की आँखें चमक उठीं। तालियाँ बजीं, और लोग बोलने लगे, “हमारी सरकार तो वाकई में परिवार जैसी है!” सीएम साहब ने बड़े प्यार से कहा,“हमारी लाड़ली बहनें हमारे घर की लक्ष्मी हैं। उनकी हँसी और तरक्की ही मध्य प्रदेश की असली शान है।”बस, ये सुनकर तो दिल खुश हो गया।

>लाड़ली बहना योजना: बहनों का सहारा

लाड़ली बहना योजना को तो आप जानते ही होंगे। ये वो योजना है, जिसे “मामा” शिवराज सिंह चौहान ने शुरू किया था। इसके तहत मध्य प्रदेश की गरीब और मध्यम वर्ग की बहनों को हर महीने ₹1250 मिलते हैं। ये पैसे उनके लिए किसी खजाने से कम नहीं। कोई अपनी बेटी की स्कूल फीस देती है, कोई घर का राशन लाती है, तो कोई अपने लिए साड़ी या चप्पल खरीद लेती है।

मेरी मौसी, जो उज्जैन में रहती हैं, इस योजना की बहुत बड़ी फैन हैं। वो कहती हैं,“पहले छोटे-मोटे खर्च के लिए पति या बेटे के सामने हाथ फैलाना पड़ता था। अब ये ₹1250 मेरे लिए आजादी है। मैं अपने मन से कुछ कर सकती हूँ।”और अब ये ₹250 का शगुन? मौसी तो फोन पर ही उछल पड़ीं। बोलीं, “इस बार रक्षाबंधन पर अपने भतीजे के लिए राखी और मिठाई खरीदूँगी। सरकार ने तो मेरे त्यौहार में चार चाँद लगा दिए!”

> रक्षाबंधन और शगुन: एक अनोखा रिश्ता

रक्षाबंधन का मतलब है भाई-बहन का प्यार। मैं तो हर साल अपनी बहन की राखी का इंतज़ार करता हूँ। वो राखी बाँधती है, मैं उसे गिफ्ट देता हूँ, और फिर हम दोनों माँ के हाथ की खीर खाते हैं। लेकिन इस बार सरकार ने इस रिश्ते को और खास कर दिया। ये ₹250 का शगुन जैसे सरकार का बहनों को कहना है, “हम भी तुम्हारे भाई हैं, तुम्हारी खुशी की फिक्र हमें भी है।”

मेरी एक सहेली, रानी, जो इंदौर में रहती है, ने व्हाट्सएप पर मैसेज किया,“ये शगुन मेरे लिए बहुत खास है। इससे मैं अपने छोटे भाई के लिए एक अच्छी सी राखी लूँगी। ऐसा लगता है जैसे सरकार ने मेरे त्यौहार को और रंगीन कर दिया।”ऐसी बातें सुनकर मन में गुदगुदी सी होती है।

रक्षाबंधन पर बहनों को शगुन का तोहफा- madhya pradesh की सरकार का दिल जीतने वाला फैसला
> ये सिर्फ पैसा नहीं, सम्मान है

मध्य प्रदेश की सरकार ने ये शगुन देकर साबित कर दिया कि वो सिर्फ योजनाएँ नहीं बनाती, बल्कि बहनों के दिल की बात समझती है। ये ₹250 कोई बहुत बड़ी रकम नहीं, लेकिन इसके पीछे का प्यार और सम्मान बहुत बड़ा है। ये शगुन बताता है कि सरकार को अपनी बहनों की छोटी-छोटी खुशियों की भी परवाह है।

मुझे मेरी दादी की बात याद आती है। वो कहती थीं, “बेटा, प्यार और सम्मान की कीमत कोई पैसा नहीं चुका सकता।” ये शगुन उसी प्यार और सम्मान का प्रतीक है।

> बस, दो बातें दिल से

पहली बात, ये शगुन सिर्फ रक्षाबंधन का तोहफा नहीं, बल्कि एक नई सोच है। ये बताता है कि मध्य प्रदेश की सरकार अपनी बहनों को सिर्फ वोटर या लाभार्थी नहीं मानती, बल्कि उन्हें परिवार का हिस्सा समझती है। दूसरी बात, ये छोटा सा कदम लाखों बहनों के चेहरों पर मुस्कान लाया है, और यही इसकी सबसे बड़ी जीत है।

तो इस रक्षाबंधन, जब आप अपनी बहन के साथ राखी का त्यौहार मनाएँ, तो एक बार मध्य प्रदेश सरकार को भी शुक्रिया कहिए। क्योंकि इस बार, राखी के धागे में सरकार का प्यार भी बंधा है।

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